अहोई अष्टमी 2024: माँ अहोई की आरती और इसका धार्मिक महत्व

“अहोई अष्टमी 2024 पर जानिए मां अहोई की आरती, व्रत का धार्मिक महत्व और पूजा विधि। अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए मां अहोई की कृपा पाएं।”

अहोई अष्टमी का व्रत, जिसे आहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत खासतौर पर उन महिलाओं द्वारा रखा जाता है जो अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस दिन मां अहोई की पूजा की जाती है, और उनसे संतान की सुरक्षा और उन्नति का आशीर्वाद मांगा जाता है।

अहोई अष्टमी का महत्व संतान के कल्याण से जुड़ा हुआ है, और इस व्रत को करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पूजा के अंत में मां अहोई की आरती का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसे गाने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो घर और बच्चों के जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।


यहां मां अहोई की आरती प्रस्तुत है, जिसे व्रत के दौरान किया जाता है:

अहोई माता की आरती

जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता।
जय अहोई माता…

ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला, तू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
जय अहोई माता…

माता रूप निरंजन, सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, नित मंगल पाता।
जय अहोई माता…

तू ही पाताल बसंती, तू ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक, जगनिधि से त्राता।
जय अहोई माता…

जिस घर तेरा वासा, वहां में गुण आता।
कर न सके सोई कर ले, मन नहीं घबराता।
जय अहोई माता…

तुम बिन सुख न होवे, कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव, तुम बिन नहीं आता।
जय अहोई माता…

शुभ गुण सुंदर युक्ता, क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू, कोई नहीं पाता।
जय अहोई माता…

श्री अहोई माँ की आरती, जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे, पाप उतर जाता।
जय अहोई माता…


इस आरती के माध्यम से माँ अहोई का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्रत के साथ-साथ आरती गाने से घर-परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। अहोई अष्टमी के दिन यह आरती ज़रूर करें और माँ अहोई से अपने बच्चों की उन्नति और दीर्घायु की प्रार्थना करें।

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