1 नवंबर 2024 को मनाएं दीपावली – प्रमुख मंदिरों में भी मनेगी

दीपावली का पर्व, भारत में प्रकाश और उल्लास का प्रतीक है, जो हर साल पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मनाया जाता है। 2024 में, भारत के कई प्राचीन मंदिरों और प्रतिष्ठानों ने शास्त्रों के अनुसार 1 नवंबर को दीपावली मनाने का निर्णय लिया है। इन धार्मिक स्थलों और प्रतिष्ठानों ने शास्त्रसम्मत तिथि का अनुसरण कर यह तय किया है कि इस वर्ष दीपावली का पर्व 1 नवंबर को मनाना उचित रहेगा। आइए, विश्व सनातन सेवा संघ द्वारा संचालित सनातन गुरुकुलम के इस ब्लॉग में इन प्रमुख धार्मिक स्थलों पर ध्यान दें जिन्होंने 1 नवंबर को दीपावली के दिन के रूप में निर्धारित किया है:

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प्रमुख धार्मिक स्थलों का निर्णय (1 नवंबर, 2024)

  1. श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या
  2. श्री बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड
  3. श्री केदारनाथ धाम, उत्तराखंड
  4. पूर्वाम्नाय जगद्गुरु शंकराचार्य पीठ, पुरी
  5. पश्चिमाम्नाय जगद्गुरु शंकराचार्य पीठ, द्वारका
  6. उत्तराम्नाय जगद्गुरु शंकराचार्य पीठ, उत्तराखंड
  7. दक्षिणाम्नाय जगद्गुरु शंकराचार्य पीठ, शृंगेरी
  8. जगद्गुरु शंकराचार्य पीठ, कांची
  9. श्रीमज्जगदगुरु रामानुजाचार्य पीठ, श्रीरंगम्
  10. श्री जगन्नाथ परमधाम, उड़ीसा
  11. श्रीमज्जगदगुरु रामानुजाचार्य पीठ, झालारिया मठ, डीडवाना
  12. श्री भगवन्निम्बार्काचार्य महापीठ, सलेमाबाद, अजमेर
  13. श्रीमन्मध्वाचार्य पेजावर मठ, उडुपी
  14. जगद्गुरु श्रीरामानंदाचार्य महापीठ, श्रीमठ, पंचगंगा, काशी
  15. ब्रह्मपीठ, काठियापरिवार, डाकोर
  16. श्रीस्वामिनारायण मूल पीठ, वड़ताल (खेड़ा) और कालूपुरा (अहमदाबाद), गुजरात
  17. श्रीहरिहर उदासीन आश्रम, नई दिल्ली
  18. श्रीश्री विद्याधाम गुप्तकाशी
  19. पावन धाम श्री अमरापुर स्थान, जयपुर
  20. विश्वप्रसिद्ध श्री खजराना गणेश मंदिर, इन्दौर
  21. श्री श्री विद्याधाम मंदिर, इन्दौर
  22. श्री रणजीत हनुमान मंदिर, इन्दौर
  23. एशिया का सबसे बड़ा गणपति मंदिर, इन्दौर
  24. बिजासन माता मंदिर, इन्दौर
  25. विश्व के सबसे बड़े ध्यानस्थ हनुमान मंदिर, पितृपर्वत, इन्दौर
  26. श्री छोटे गणपतिजी का मंदिर, मल्हारगंज, इन्दौर
  27. श्री वेंकटेश मंदिर, छत्रीबाग, इन्दौर
  28. श्री वेंकटेश मंदिर, गुमाश्ता नगर, इन्दौर
  29. श्री हरसिद्धि माता मंदिर, इन्दौर
  30. श्री हंसदास मठ, एरोड्रम रोड, इन्दौर
  31. श्रीशनि मंदिर, जवाहर मार्ग, इन्दौर
  32. भूतेश्वर महादेव मंदिर, पंचकुइया, इन्दौर
  33. वीर बगीची हनुमान मंदिर, इन्दौर

इन प्रमुख मंदिरों और प्रतिष्ठानों के पुजारी, संत, और महात्माओं ने 1 नवंबर को दीपावली मनाने का निर्णय किया है। यह निर्णय शास्त्रों के अनुसार है और इसकी पुष्टि भी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि किसी भी बाहरी दबाव में न आकर स्वयं विचार कर, शास्त्रसम्मत निर्णय लेकर इस पावन पर्व को परंपरागत तरीके से धूमधाम से मनाएं।

क्यों 1 नवंबर को दीपावली?

धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में प्रत्येक पर्व का समय निश्चित होता है और इनका पालन हमें आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। 1 नवंबर को दीपावली मनाने के पीछे इन प्रतिष्ठानों का यही उद्देश्य है कि हर व्यक्ति सही दिन और समय पर पर्व मना सके और शास्त्रसम्मत तरीकों का पालन कर सके।

इस दीपावली, 1 नवंबर को परंपराओं का सम्मान करें और इस पावन पर्व को अपने प्रियजनों के साथ उल्लासपूर्वक मनाएं।

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