दीपावली पर्व | Advantages of Deepawali

इस पोस्ट में हमने सनातन धर्म के पवित्र पर्व दीपावली की विवेचना की है। हमने यह बताने का प्रयास किया है कि दीपावली पर्व मनाने से क्या क्या लाभ होते हैं।

दीपावली या दिवाली हिन्दू धर्म का सबसे विशेष पर्व माना जाता है, जिसे हर भारतवासी प्रति वर्ष हर्षोल्लास से मनाता हैं। प्रत्येक त्यौहार के पीछे एक कहानी जुड़ी होती हैं, जो हर व्यक्ति को उस पर्व का महत्व समझाती है। दीपावली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह रोशनी का त्यौहार है, जो अंधकार में रोशनी का विजय प्रतीक है। भारत देश का यह अकेला ऐसा त्यौहार है, जो 5 दिनों तक चलता है और इस त्यौहार के आने से 1 महीने पहले लोगों पर इसका आनंद छा जाता है। हर तरफ त्यौहार की रौनक दिखाई देती है। बाजार, हाट, घर सब सज जाते है। इस त्यौहार का आनंद ऐसा होता है कि इसके ख़त्म होने के बाद भी लोग इससे बाहर नहीं आ पाते है। यह त्योहार हमें एक अद्भुत ऊर्जा देता है।

14 वर्ष के वनवास के बाद जब राजा राम अयोध्या वापस लौटे, तब अपने राजा के वापसी की ख़ुशी में सभी अयोध्या वासियों ने दीपक जलाकर ऐसा भव्य स्वागत किया की काली रात्रि अर्थात अमावस भी प्रकाशित हो उठी। जब से ही यह पर्व पांच दिन तक मनाया जाता है, सभी दिनों से कुछ धार्मिक कथायें जुड़ी हुई हैं.

दीपावली वास्तव में एक मिलन का त्यौहार है, जिसमें सभी अपनों से मिलते हैं, खुशियाँ बाटते हैं।आज की व्यस्त जिन्दगी में त्यौहार का महत्व बढ़ गया है, त्यौहार के कारण सभी अपने परिवारजनों से मिलते हैं। दो पल ख़ुशी के बिताते हैं जिससे रिश्ते मजबूत होते हैं साथ ही छोटे- मोटे मन मुटाव भी दूर होते हैं.

त्यौहार हमारे रिश्तों में आई दूरियों को कम करने में विशेष भूमिका निभाते हैं और आज के वक्त में इसका महत्व सबसे ज्यादा वृद्ध व्यक्ति समझते हैं। जिन्होंने परिवार को एक माला में पिरो रखने का सपना देखा था।

दीपावली व्यापारियों का विशेष पर्व मानी जाती हैं। इससे ही उनका नव वर्ष प्रारंभ होता हैं और साल भर का लेखा जोखा ख़त्म कर नए खाता बही तैयार किये जाते हैं।दीपावली तक सभी पुराने लेन देन का निपटारा कर नये वर्ष का प्रारंभ किया जाता है।

दीपावली सेलिब्रेशन (Deepawali or Diwali Celebration)

  1. दीपावली की तैयारी कई दिनों से शुरू कर दी जाती हैं, जिसकी शुरुवात घर की साफ़ सफाई से की जाती है। त्यौहार की ख़ुशी में साल भर का कूड़ा घर से बाहर कर दिया जाता है। कहते है लक्ष्मी साफ सुथरे स्थान में ही रहती है, इसलिए लोग अपने सम्पूर्ण घर की विशेष सफाई करवाते है।
  2. घरों का रंग रोगन किया जाता हैं और तरह- तरह से घर की सजावट की जाती है।
  3. दीपावली में पकवानों का विशेष महत्त्व है। विशेष तरह के मीठे तथा नमकीन पकवान बनाये जाते है। जिसकी तैयारी महीनों पहले से की जाती है।
  4. दीपावली में नयें वस्त्रों का महत्व है। परिवार का हर व्यक्ति नये कपडे पहनकर पूजा करता है।
  5. कई उपहार ख़रीदे जाते हैं जिन्हें दोस्तों, रिश्तेदारों में प्रेम के साथ दिया जाता हैं जिससे रिश्ते की डोर मजबूत होती है।
  6. घर तथा अन्य जगह काम करने वाले कर्मचारियों को भी उपहार दिए जाते है।
  7. आज के आधुनिक वक्त में दीपावली भी आधुनिक तरीके से मनाई जाती है। उच्च वर्ग के परिवारों में कई दिनों तक विशेष पार्टी की जाती है जिसमें वे सभी से मुलाकात करते हैं जिनसे पारिवारिक, व्यापारिक एवं अन्य संबंध बेहतर बनते हैं।
  8. दीपावली के बाद सभी अपने खास सम्बंधी एवं दोस्तों के घर जाते है।बड़ों का आशीर्वाद लिया एवं छोटों को आशीष दिया जाता है।

दीपावली के लाभ (Diwali Benefits)

  1. छोटे बड़े सभी व्यापारियों के लिए यह वक्त खास कमाई का होता है।
  2. दीपावली से सभी तरह के व्यापार में तेजी आती है क्यूंकि यह त्यौहार में हर चीज नयी आती है। लोग घर की सज्जा सज्जा, अपने कपड़ो, गहनों, खाने पीने सभी चीजों पर खर्च करते है।
  3. दीपावली से आपसी प्रेम बढता है जिससे सम्बंधों में मिठास आती है।
  4. साफ सफाई का बहुत महत्व हैं जिससे घरों तथा आस पास के परिवेश स्वच्छ होते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए लाभ कारी है। इस त्यौहार के बहाने साल में एक बार पुरे घर की सफाई हो जाती है, उनमे नया रंग करा दिया जाता है। यह त्यौहार न हो तो ऐसा होना मुश्किल है।
  5. कुटीर उद्योगों के लिए भी दीपावली का त्यौहार खुशियाँ लाता है। मिट्टी का सामान, साज सज्जा का समान कुटीर उद्योग द्वारा बनाये जाते है, जिनसे उनकी जीविका चलती है।

जहाँ लाभ होते हैं वही हानियाँ भी होती है। दीपावली एक बड़ा त्यौहार है जो अपने साथ अपार ख़ुशी और प्रेम लेकर आता है किंतु सावधानी और विचार के साथ इसे मनाया जाए तो यह हानि नहीं देता अपितु खुशहाली देता है।

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