धनतेरस 2024 पर भूलकर भी न खरीदें ये 5 चीजें – वरना हो सकता है भारी नुकसान!

धनतेरस 2024: धनतेरस का त्योहार और उसका महत्त्व

धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, जिनके हाथ में अमृत कलश था। इस कारण से धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। धनतेरस के दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाता है, जिसमें शाम को भगवान शिव की पूजा की जाती है।

धनतेरस का त्योहार विशेष रूप से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग नए सामान जैसे सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, मकान, और बर्तन खरीदते हैं, ताकि उनका जीवन समृद्ध और सफल हो। जिनके पास सीमित आर्थिक साधन होते हैं, वे धनिया, झाड़ू, नमक और पीतल के बर्तन जैसी साधारण वस्तुएं भी खरीदते हैं, जो सौभाग्य लाने का प्रतीक मानी जाती हैं।

धनतेरस 2024 का शुभ मुहूर्त और त्रिपुष्कर योग

इस साल धनतेरस के दिन एक विशेष योग बन रहा है, जिसे त्रिपुष्कर योग कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस योग में किए गए किसी भी कार्य का तीन गुना फल प्राप्त होता है। इसका मतलब यह है कि अगर आप धनतेरस पर किसी शुभ कार्य या खरीदारी करते हैं, तो उसका आपको तीन गुना लाभ मिल सकता है। इस साल धनतेरस पर शुभ मुहूर्त 1 घंटा 41 मिनट का है, जिसमें आप अपनी खरीदारी और पूजा कर सकते हैं।

धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या नहीं

धनतेरस पर खरीदी जाने वाली चीजों का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह त्योहार धन और समृद्धि से जुड़ा हुआ है। हालांकि, ऐसी कई वस्तुएं भी हैं जिन्हें इस दिन खरीदना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं किन वस्तुओं को धनतेरस पर खरीदने से बचना चाहिए।

1. एल्युमिनियम, प्लास्टिक, और नुकीली वस्तुएं न खरीदें

धनतेरस पर एल्युमिनियम के बर्तन, प्लास्टिक से बनी वस्तुएं, और नुकीली चीजें जैसे चाकू, कैंची आदि खरीदना अशुभ माना जाता है। ये वस्तुएं घर में दरिद्रता का प्रतीक मानी जाती हैं और नकारात्मक ऊर्जा ला सकती हैं। इस दिन ऐसे किसी भी सामान से बचना चाहिए।

2. लोहे की वस्तुएं न खरीदें

धनतेरस पर लोहे से बनी वस्तुएं जैसे कढ़ाई या अन्य रसोई के सामान न खरीदें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोहे की वस्तुएं दुर्भाग्य को आकर्षित करती हैं और घर में नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसलिए, इसे खरीदने से बचा जाता है।

3. कांच और नकली आभूषण न खरीदें

धनतेरस पर कांच से बनी वस्तुएं और नकली आभूषण खरीदने से भी बचना चाहिए। कांच का संबंध राहु से होता है, जो कि जीवन में बाधाएं और अशांति का कारण बन सकता है। नकली आभूषण खरीदने से भी आपकी प्रगति रुक सकती है, इसलिए इस दिन असली आभूषणों की ही खरीदारी करना शुभ माना जाता है।

4. काले कपड़े न खरीदें

धनतेरस पर कपड़े खरीदते समय ध्यान रखें कि काले रंग के कपड़े न खरीदें। काला रंग अशुभ और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसके बजाय, आप लाल, पीला, हरा या अन्य शुभ रंगों के कपड़े चुन सकते हैं।

5. मिट्टी के बर्तन न खरीदें

धनतेरस पर मिट्टी के बर्तन खरीदने से भी बचना चाहिए। यह मान्यता है कि मिट्टी के बर्तन घर की समृद्धि और सुख-शांति में कमी ला सकते हैं। इस दिन धातु के बर्तन खरीदना अधिक शुभ माना जाता है, खासकर पीतल या चांदी के बर्तन।

धनतेरस पर क्या खरीदें?

धनतेरस पर कुछ वस्तुएं खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इन वस्तुओं को खरीदने से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है:

  1. सोना और चांदी: सोने और चांदी के आभूषण या सिक्के खरीदना धन और समृद्धि का प्रतीक होता है। इसे घर में सुख-समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
  2. धातु के बर्तन: इस दिन तांबे, पीतल, या चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धातु के बर्तन घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
  3. वाहन या संपत्ति: अगर आपकी योजना इस दिन वाहन या संपत्ति खरीदने की है, तो यह दिन इसके लिए बहुत शुभ माना जाता है। इसे लंबे समय तक समृद्धि और सफलता की ओर पहला कदम माना जाता है।
  4. झाड़ू: कुछ लोग इस दिन झाड़ू भी खरीदते हैं, क्योंकि इसे घर की सफाई और दरिद्रता को दूर करने का प्रतीक माना जाता है।

धनतेरस पर पूजा और परंपराएं

धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन घर की साफ-सफाई की जाती है, और दरवाजे पर दीपक जलाए जाते हैं ताकि लक्ष्मी माता का आगमन हो सके। इस दिन दीयों से सजावट की जाती है और विशेष रूप से धातु के दीपक जलाए जाते हैं। लक्ष्मी पूजन के साथ भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे धन और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

धनतेरस केवल एक खरीदारी का दिन नहीं है, बल्कि यह दिन समृद्धि, स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करने का दिन है। इस दिन सकारात्मकता और शुभता का आह्वान किया जाता है, जो आने वाले साल में सुख-समृद्धि का रास्ता बनाता है।

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