हिंदू धर्म में भगवान की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है। हर देवता का अपना महत्व और पूजा का तरीका होता है। घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियां या तस्वीरें रखना आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन मूर्तियों को सही तरीके और सही संख्या में रखना आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता ला सकता है? वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में मूर्तियां स्थापित करने के कुछ खास नियम होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि घर के मंदिर में कितनी मूर्तियां रखनी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- घर के मंदिर में गणपति जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
- भगवान कृष्ण जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
- भगवान हनुमान जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
- भगवान शिव जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
- घर के मंदिर में कौन-सी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए?
- देवी-देवताओं की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
- सही दिशा और स्थान का ध्यान रखें
- निष्कर्ष
घर के मंदिर में गणपति जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
गणपति को विघ्नहर्ता माना जाता है और उनकी पूजा हर शुभ कार्य से पहले की जाती है।
- मंदिर में गणपति की दो से अधिक मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए।
- कभी भी दो धातु की मूर्तियां एक साथ न रखें। आप एक धातु की मूर्ति और दूसरी पत्थर, लकड़ी या अन्य सामग्री की मूर्ति रख सकते हैं।
- अगर आप तस्वीर रखना चाहते हैं तो गणपति की दो मूर्तियों वाली तस्वीर रख सकते हैं।
- दो से अधिक मूर्तियां रखने से घर में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
भगवान कृष्ण जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
कृष्ण भगवान को प्रेम और आनंद का प्रतीक माना जाता है।
- भगवान कृष्ण की मूर्ति हमेशा राधा रानी के साथ स्थापित करें। इससे घर में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।
- कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की एक या दो मूर्तियां रख सकते हैं।
- अगर आप राधा-कृष्ण की मूर्ति रखते हैं, तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
भगवान हनुमान जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
हनुमान जी को शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
- मंदिर में एक से अधिक हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर न रखें।
- हनुमान जी की वह तस्वीर या मूर्ति शुभ मानी जाती है, जिसमें वे भगवान राम के चरणों में दिख रहे हों।
- हनुमान जी के रौद्र रूप की मूर्ति या तस्वीर घर में न रखें, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा और कलह का वातावरण बन सकता है।
भगवान शिव जी की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
भगवान शिव को त्रिनेत्रधारी और सृष्टि के संहारक के रूप में पूजा जाता है।
- शिव की मूर्ति ऐसी होनी चाहिए, जिसमें वे माता पार्वती और परिवार (गणपति और कार्तिकेय) के साथ हों।
- शिवलिंग की बात करें तो घर में केवल एक शिवलिंग रखना चाहिए।
- शिवलिंग का आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए।
घर के मंदिर में कौन-सी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए?
- खंडित मूर्तियां: कभी भी टूटी हुई मूर्तियां मंदिर में न रखें। यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनती हैं।
- असामान्य जोड़ियां:
- भगवान कृष्ण के साथ मीरा या रुक्मिणी की मूर्तियां।
- भगवान गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि की मूर्तियां।
- भगवान कार्तिकेय के साथ देवसेना और वल्ली की मूर्तियां।
- शिव के नटराज रूप की मूर्ति: इसे घर में रखने से अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।
देवी-देवताओं की कितनी मूर्ति रखनी चाहिए?
- सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा की एक-एक मूर्ति रखना शुभ होता है।
- लेकिन, एक ही देवी की तीन मूर्तियां न रखें।
सही दिशा और स्थान का ध्यान रखें
- मंदिर की स्थापना उत्तर-पूर्व दिशा में करें।
- मूर्तियों और दीवार के बीच थोड़ी जगह छोड़ें ताकि ऊर्जा का प्रवाह सही बना रहे।
- मंदिर को हमेशा साफ रखें और वहां नियमित पूजा करें।
निष्कर्ष
घर का मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान की मूर्तियों को सही संख्या में और सही तरीके से स्थापित करना जरूरी है। यह न केवल घर की सुख-समृद्धि बढ़ाता है बल्कि जीवन से बाधाओं को भी दूर करता है।
अगर आप वास्तु के इन नियमों का पालन करते हैं तो आपका घर शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा।
क्या आप अपने घर के मंदिर को वास्तु के अनुसार सजाने की सोच रहे हैं? अपने सवाल और अनुभव हमें जरूर बताएं!